“तू काव्य तू छलता है,पर हर छल में,तू और विशद अभ्यांतर अनूठा होता जाता है”!उपरोक्त पंक्ति के रचनाकार कौन हैं??

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ज्योति राजपूत
Apr 16, 2021 04:42 PM 0 Answers
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प्रश्न :- "तू काव्य तू छलता है,पर हर छल में,तू और विशद अभ्यांतर अनूठा होता जाता है"!उपरोक्त पंक्ति के रचनाकार कौन हैं??

उत्तर :- अज्ञेय

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