“रहीम का हृदय द्रविभूत होने के लिए, कल्पना की उड़ान की अपेक्षा नहीं रखता था ।वह संसार के सच्चे और प्रत्यक्ष व्यवहार मै ही द्रभिभूत होने के लिए पर्याप्त स्वरूप पा जाता है । ” कथन किसका है ?

0
ज्योति राजपूत
Dec 28, 2020 04:31 PM 0 Answers रीतिकाल
Member Since Dec 2020
Subscribed Subscribe Not subscribe
Flag(0)

प्रश्न - "रहीम का हृदय द्रविभूत होने के लिए, कल्पना की उड़ान की अपेक्षा नहीं रखता था ।वह संसार के सच्चे और प्रत्यक्ष व्यवहार मै ही द्रभिभूत होने के लिए पर्याप्त स्वरूप पा जाता है । " कथन किसका है ?

उत्तर - रामचंद्र शुक्ल

1 Subscribers
Submit Answer
Please login to submit answer.
0 Answers